देवी शैलपुत्री :
वन्दे वांछतलाभाय ,चंद्रार्धकृतशेखरां |
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीं ||
देवी ब्रह्मचारिणी :
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू |
देवीप्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
देवी चन्द्रघण्टा:
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता |
प्रसादं तनुते माध्यम चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||
देवी कुष्माण्डा:
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च |
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ||
देवी स्कन्दमाता :
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चितकरद्वया |
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ||
देवी कात्यायनी :
चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना |
कात्यायनी शुभम दद्याद देवी दानवघातिनी ||
देवी कालरात्रि :
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्न खरास्थिता |
लम्बोष्ठी कार्णिक करनी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ||
वाम पादोल्लसल्लोहलता कान्ताक्भुषणा |
बर्धन मूर्धामे ध्वजा कृष्ना कालरात्रिर्भयंकरी ||
देवी महागौरी :
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिह |
महागौरी शुभम दद्यान्महादेव प्रमोददा ||
देवी सिद्धिदात्री :
सिद्ध गन्धर्व यक्षदयिरसुरैरमरैरपि |
सेव्यमाना सदाभूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ||
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